UP Primary Teacher Salary Hike: यूपी के प्राइमरी शिक्षकों में दौड़ी खुशी की लहर, मिलेगा हेड मास्टर का वेतन
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UP Primary Teacher Salary Hike: उत्तर प्रदेश के तमाम प्राइमरी शिक्षकों के लिए काफी बड़ी खबर आ चुकी है । उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा लाखों शिक्षकों को वेतन में बढ़ोतरी का लाभ दिया जा रहा है, जिसके चलते शिक्षकों में काफी खुशी है । इलाहाबाद हाई कोर्ट के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार जो सहायक अध्यापक विद्यालय में हेड मास्टर पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं या फिर इंचार्ज के पद पर कार्य कर रहे हैं, उन सभी सहायक अध्यापकों को हेड मास्टर के पद के बराबर दिया जाने वाला वेतन का भुगतान किया जाएगा । इसी के साथ यह भी जानकारी दी गई की इस याचिका को दायर करने के पहले से ही 3 साल का बकाया एरिया का भुगतान भी किया जाए । इसके अतिरिक्त यह भी जानकारी दी गई है कि, हेड मास्टर पद की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ वरिष्ठ सहायक अध्यापक को ही दी जाए । सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की विशेष अपीलों को निरस्त करते हुए खंडपीठ के माध्यम से इस आदेश को पारित किया गया, इसके बाद अब लाखों शिक्षकों में खुशी की लहर है ।
यूपी के लाखों शिक्षकों के हित में न्यायालय का बड़ा फैसला
जानकारी मिली है कि, न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति प्रवीण कुमार गिरी की खंडपीठ के द्वारा उत्तर प्रदेश के लाखों शिक्षकों के लिए यह बड़ा फैसला लिया गया है । इसमें बेसिक शिक्षा परिषद की विशेष अपील में एकल न्यायालय पीठ के इस आदेश को चुनौती दिया गया है । इसके अंतर्गत एकल पीठ के माध्यम से प्राथमिक और प्राथमिक विद्यालय में इंचार्ज हेडमास्टर के पदों पर कार्य करने वाले और देखभाल करने वाले लाखों सहायक अध्यापकों को हेड मास्टर के वेतन के बराबर वेतन दिया जाने का आदेश पारित किया गया था ।
एकल पीठ के द्वारा ऐसे सभी अध्यापकों को इस वेतन पाने का हकदार माना गया था, जो 2014 या फिर लंबे समय से हेड मास्टर के पद का कार्यकाल संभाल रहे थे और उन्हें वेतन सहायक अध्यापक का मिल रहा था । इस अपील में जानकारी दी गई थी कि, विद्यालय में अध्यापकों की संख्या शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2019 द्वारा संचालित की जाती है, जिसमें छात्र संख्या के आधार पर स्कूलों में अध्यापकों की न्यूनतम संख्या का निर्धारण होता है । अधिकतर प्राथमिक विद्यालय में छात्र संख्या 150 से कम है, जबकि जूनियर स्कूल में सबसे कम छात्र हैं । जिस वजह से हेड मास्टर का कोई पद खाली नहीं होता है, इसी कारण से हेड मास्टर पद का वेतन देने का प्रश्न नहीं उठाता है और अधिकतर विद्यालय में हेड मास्टर की आवश्यकता भी नहीं है ।
शिक्षक पात्रता परीक्षा पर क्या कहा गया?
बता दें कि, शिक्षक पात्रता परीक्षा की अनिवार्यता पर बताया गया कि, सभी याचीगण प्रतियोगी परीक्षा पास करके असिस्टेंट अध्यापक यानी सहायक अध्यापक के पद पर सेलेक्ट हुए हैं तथा पद की सभी शर्तों को पूरा करते हैं, तथा सभी कार्यवाही और कार्यभार संभाल रहे हैं, ऐसे में हेड मास्टर होने की योग्यता भी रखते हैं यह नियुक्ति 2014 में हुई थी, जो संशोधन किया गया था उसके पहले ही उनकी नियुक्ति हुई है, इसलिए उन पर शिक्षक पात्रता परीक्षा लागू नहीं होगी ।
सहायक अध्यापकों को हेड मास्टर के बराबर मिलेगा वेतन आदेश दिया
अब शिक्षकों में बेहद खुशी की लहर है जो, सहायक अध्यापक थे और हेड मास्टर के कार्यभार को संभाल रहे थे, इसके बाद हाई कोर्ट के माध्यम से यहां कहा गया है की, रीट 2019 में न्यूनतम संख्या का निर्धारण इसीलिए निर्धारित किया गया था । जिससे शिक्षा के गुणवत्ता उसे बरकरार रखा जा सके और कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि RTE एक्ट 2019 में ऐसा कुछ भी नहीं है, जो छात्रों की संख्या कम होने से पद अपने आप समाप्त हो जाएंगे । कोर्ट ने याचिका का निस्तारण करते हुए सभी याचिका कर्ताओं को हेड मास्टर पद के वेतन का वेतन भुगतान किए जाने का आदेश पारित किया, जिसके बाद अब उत्तर प्रदेश में लाखों शिक्षकों में खुशी की लहर देखने को मिल रही है ।